क्योंकि सोने से भी ज्यादा कीमती खज़ाना तुझे यह जग समझती है। क्योंकि सोने से भी ज्यादा कीमती खज़ाना तुझे यह जग समझती है।
आत्मा निर्विकार अमर आत्मा संग दोष कैसे आया ? आत्मा निर्विकार अमर आत्मा संग दोष कैसे आया ?
शोक जगत को छोड़ उस पल, परमात्मा हो जाती है. शोक जगत को छोड़ उस पल, परमात्मा हो जाती है.
माँ तुझे लिखती हूँ मैं मन की पाती सारे जज़्बात, सारी व्यथा, सारी दिल की कहानी। माँ तुझे लिखती हूँ मैं मन की पाती सारे जज़्बात, सारी व्यथा, सारी दिल की कहानी...
रास्ते तलाशते हुए शरीर सिर्फ और सिर्फ सुख भापते रास्ते तलाशते हुए शरीर सिर्फ और सिर्फ सुख भापते
दुख तो मेरी अपनी सहेली मेरी किस्मत की डोर, जीवनभर मैं दुख में जीउँ कभी न मानु हार। दुख तो मेरी अपनी सहेली मेरी किस्मत की डोर, जीवनभर मैं दुख में जीउँ कभी न मा...